Monday 24 April 2017

                            

         राशिया  व उन के मालिक ग्रह 




                  हर राशि का मालिक एक ग्रह होता है जो इस प्रकार हैं -
राशिअंग्रेजी नाममालिक ग्रह
मेषएरीज़मंगल
वृषभ
टॉरसशुक्र
मिथुनजैमिनीबुध
कर्ककैंसरचन्द्र
सिंहलियोसूर्य
कन्यावरगोबुध
तुलालिबराशुक्र
वृश्चिकस्कॉर्पियोमंगल
धनुसैजीटेरियसगुरू
मकरकैप्रीकॉर्नशनि
कुम्भएक्वेरियसशनि
मीनपाइसेज़गुरू



Monday 17 August 2015

jyotish easy solutions

                                              JYOTISH

नवम भाव जन्म कुंडली में पूर्व जन्म में किये गए कर्मो का स्थान होता हे।  इसी भाव से पुण्ये तपस्या गुरु ,यशपति धर्म,शिक्षा,सदाचार
,समाज सेवा ,जांग ,नितम्ब,राजयोग ,धर्म ,दान,वाहन ,भरोसा ,सन्यास ,आकस्मिक धन प्राप्ति ,स्वप्न ,पूर्वाभास एवं भाग्योदय का विचार
किया जाता हे। इसी भाव से साला ,साली ,भाभी ,बहनोई ,दूसरी पत्नी से संतान को भी देखा जाता  हे। 




आज के समय में बड़ी संख्या में लड़को व लड़कियो की शादियां देर  होने  वजह उनका  मांगलिक होना है।
यदि कुंडली में प्रथम ,चतुर्थ ,सप्तम ,अष्टम एवं द्वादश भाव में मंगल हो तो जातक मांगलिक माना जाता है।  दक्षिण भारत में द्वित्य भाग के मंगल
 वाले लो भी मांगलिक माना जाता है। इन पांचो स्थानो में से मंगल कही ना  कही मिल ही जायेगा। इस प्रकार आधी आबादी मांगलिक
है। मांगलिक होने से शादीया देर से होती है हो जाये तो बनती बिगड़ती रहती है
,बहुत ही कम मामलो में विदुरता या वेध्वता तक बात पहुंचती है। अगर 1,4,7,8,12 में मंगल हो तो मांगलिक और अगर इन्ही स्थानो शनि
 हो तो शनि कहा जाता है। अगर 1,4,7,8,12 में लड़के का मंगल व लड़की का शनि या 
लड़की का मंगल व लड़के का शनि हो  यह एक अच्छा  संतुलन मन जाता है।

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!.   सूर्य व चन्द्रमा को अष्टमेश का पाप नही लगता 
2   राहु व चन्द्र का विषयोग घास  की रोटिया तक खिला देता है 
3 . शुक्र 6 ,8,12, स्थान में सर्वादिक लाभ देता है  




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